दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल सिर्फ़ प्यार की निशानी ही नहीं हैं, बल्कि खूबसूरत नक्काशी और कलाकृतियों का नायब नमूना है। इस खूबसूरत और प्यार की कहानी बयां करने वाली इमारत को शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की यद् में बनवाया था। ताजमहल के बारे में कई ऐसी बातें भी है जिन्हें सब लोग नहीं जानते। हम आज आपको ताजमहल के उन्हीं रहस्यों के बारे में बता रहे हैं,।
ताजमहल बनने के बाद की एक अफ़वाह यह थी कि शाहजहां ने मजदूरों के हाथ कटवा लिए थे। पर अगर इतिहास पर नज़र डाली जाये तो ताजमहल के बाद भी कई इमारतों को बनवाने में उन लोगों का योगदान रहा था। उस्ताद अहमद लाहौरी उस दल का हिस्सा रहे थे जिसने ताजमहल को बनाया था और लाल किले का निर्माण का कार्य भी उन्हीं की देख-रेख में शुरू हुआ था।
आज हम सब सेल्फी के दीवाने है पर George Harrison नाम के इस व्यक्ति ने Fish Eye Lense की मदद से उस समय ही ले ली थी जब हम लोग सेल्फी का मतलब भी नहीं जानते थे।
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1. मुमताज़ के मकबरे की छत -
मकबरे की छत की छेद से टपकते पानी की बूंद के पीछे कई कहानियां और दन्त कथायें प्रचलित है, जिसमें से एक यह है कि जब शाहजहां ने सभी मज़दूरों के हाथ काट दिए जाने की घोषणा की ताकि वे कोई और ऐसी खूबसूरत इमारत न बना सके, तो मजदूरों ने ताजमहल को पूरा बनाने के बावजूद इसमें एक ऐसी कमी छोड़ दी जिससे शाहजहां का खूबसूरत सपना पूरा न हो सके।2. शाहजहां ने जब पहली बार ताजमहल को देखा -
जब शाहजहां ने पहली बार ताजमहल का दीदार किया तो उसने कहा “ये इमारत सिर्फ प्यार की कहानी बयां नहीं करेगी, बल्कि उन सभी लोगों को दोषमुक्त करेगी जो मनुष्य का जनम लेकर हिन्दुस्तान की इस पाक ज़मीन पर अपने कदम रखेंगे और इसकी गवाही चांद-सितारे देंगे।"3. मजदूरों के हाथ काट दिए गये -
ताजमहल बनने के बाद की एक अफ़वाह यह थी कि शाहजहां ने मजदूरों के हाथ कटवा लिए थे। पर अगर इतिहास पर नज़र डाली जाये तो ताजमहल के बाद भी कई इमारतों को बनवाने में उन लोगों का योगदान रहा था। उस्ताद अहमद लाहौरी उस दल का हिस्सा रहे थे जिसने ताजमहल को बनाया था और लाल किले का निर्माण का कार्य भी उन्हीं की देख-रेख में शुरू हुआ था।
4. ताजमहल के मीनार -
अगर ताजमहल के मीनारों पर ध्यान दिया जाये तो हम पाएंगे कि चारो मीनार एक दूसरे की ओर झुके हुए नज़र आते है, बिजली और भूकम्प के दौरान मीनार मुख्य गुम्बद पर न गिरें और यदि मीनार किसी कारण गिर भी जाते हैं तो वो मुख्य इमारत को नुकसान न पहुंचा सकें इस लिए इस एंगल से बनाया गया है।5. ताजमहल जब बेच दिया गया -
बिहार के सुप्रसिद्ध ठग नटवरलाल के बारे में यह कहानी प्रचलित है कि एक बार उसने ताजमहल को मंदिर बताकर लोगों को बेच दिया था।6. यमुना न होती तो ताजमहल न होता -
ताजमहल की नींव कुछ इस तरह से बनी हुई है जिसे मजबूत बनाये रखने के लिए नमीं की जरूरत होती है, यह नमी नज़दीक ही बहने वाली यमुना नदी बनाए रखती है।7. बेशकीमती पत्थर -
ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के कीमती पत्थरों को लगाया गया था जो चीन, तिब्बत से लेकर श्रीलंका से लाये गये थे। ब्रिटिश काल के समय इन बेशकीमती पत्थरों को अंग्रेजों ने निकाल लिया था। जिसके बारे में यह कहा जाता था कि ये बेशकीमती पत्थर किसी की भी आंखे चौंधियाने की काबिलियत रखते थे।8. क़ुतुब मीनार से भी लम्बा -
कुतुब मीनार को देश की सबसे ऊंची इमारत के तौर पर जाना जाता है पर इसकी ऊंचाई भी ताजमहल के सामने छोटी पड़ जाती है। सरकारी आंकड़ो के अनुसार ताजमहल, क़ुतुब मीनार से 5 फुट ज़्यादा लम्बा है।9. ताजमहल पर खर्च -
शाहजहां ने जब ताजमहल बनवाया था तब उस पर लगभग 32 मिलियन खर्च हुए थे. जिसकी कीमत आज 1,062,834,098 USD हैं।10. फव्वारे एक ही समय पर करते है काम -
इस के पीछे कोई विशेष टेक्नोलॉजी या साइंस नहीं है, और ना ही ताजमहल में लगा कोई भी फव्वारा किसी पाइप से जुड़ा हुआ है। बल्कि हर फव्वारे के नीचे एक तांबे का टैंक बना हुआ है, जो एक ही समय पर भरता है और दबाब बनने पर एक साथ ही काम करता हैं।11. ताजमहल का गायब होना -
8 नवम्बर 2000 का दिन ताजमहल को देखने वालो के लिए बड़ा ही अचंभित करने वाला था जादूगर पी सी साकार जूनियर ने ऑप्टिकल साइंस के जरिये ताजमहल को गायब करने का भ्रम पैदा कर दिया था।12. ताजमहल का रंग बदलता है -
यह बात जरुर हैरान करने वाली है पर ताजमहल का रंग भी बदलता है, दिन के अलग अलग पहर के हिसाब से ताज भी अपना रंग बदलता रहता है। सुबह देखने पर ताज गुलाबी दिखता है, शाम को दुधिया सफ़ेद लेकिन सबसे ज्यादा खूबसूरत चांदनी रात में दिखता है।13. ताजमहल के साथ पहली सेल्फी -

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