कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जो कभी नहीं सुलझते। ऐसी ही एक रहस्यमयी घटना फ्रांस में 1518 में घटी थी जिसमे स्थानीय लोगों का एक अनोखी बीमारी से सामना हुआ था, जिससे पूरा फ्रांस भयभीत था। सम्पूर्ण विश्व में बीमारियों की उत्पति कब और कैसे हुई इसके कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है। लेकिन फिर भी विश्व में कई बार ऐसी महामारियां उत्पन्न हुई हैं जिन्होंने मानव जाति की जान पर संकट खड़ा किया है। कुछ बीमारियां तो ऐसी भी हैं जो मानव इतिहास में पहले कभी नहीं देखी गई। वर्तमान समय में भी नित नई बीमारियों के बारे में पता चलता है जिनका अध्यन करने के बाद वैज्ञानिक उनका इलाज खोज लेते है। लेकिन वहीं चिकित्सा के स्वर्णिम इतिहास में कुछ एसे भी दाग है जो कभी नहीं धुल सकते। एसा ही एक दाग अर्थात बीमारी जिसका पता वैज्ञानिक और चिकित्सा शास्त्री लगाने में असमर्थ रहे,वो है 1518 में पनपी 'Dancing Plague' या हिंदी में इसे कहे तो 'मृत्यु के लिए नाच'।
चलिए आज हम आपको बताते है इस Dancing plague के बारे में। ये एक ऐसी घटना थी जिसका स्पष्टीकरण आज तक कोई नही दे पाया। जुलाई 1518 में, फ्राउ ट्रॉफी नाम की एक महिला ने फ्रांस के स्ट्रासबर्ग शहर की सड़कों में हिंसक नृत्य शुरू किया। वहां कोई संगीत नहीं था और ना ही उसके चेहरे पर खुशी की कोई अभिव्यक्ति। वह अपने उन्माद से खुद को रोक नहीं पा रही थी। सड़क पर चलते वाहनों से टकराते हुए गिरते हुए चोटें लग रही थी। लेकिन उसका नृत्य नहीं रुक रहा था।
यह कोई पागलपन नही था, ना ही उस पर किसी भूत प्रेत या जादू टोना था क्योकी फ्राउ ट्रॉफी के नृत्य शुरू करने के कुछ मिनटों के बाद, उसका एक पड़ोसी भी इसमें शामिल हो गया और फिर दूसरा भी। इसी तरह एक सप्ताह के अंत तक 30 से अधिक लोग शहर की सड़कों पर रात और दिन नृत्य कर रहे थे। और इतना ही नही एक महीने बीत जाने के बाद, स्ट्रासबर्ग के कम से कम 400 नागरिक इस नृत्य में शामिल हो गए थे।
कुछ लोगों की दिल का दौेरा पड़ने, थकावट, या stroke से मौत हो गयी। चिकित्सा अधिकारियों को बुलाया गया था। बहुत प्रयत्नों के बाद भी इस बीमारी का कारण और हल खोज पाने मे सभी नाकामयाब रहे। अधिकारियों का मानना था कि नर्तकियों को केवल तभी ठीक किया जा सकेगा, जब वे लगातार रात और दिन नृत्य करें इसलिए उन्होंने नर्तकियों के लिए एक लकड़ी का मंच बनवाया। अधिकारियों ने संगीतकारों के लिए भुगतान भी किया।
किसी ने कहा कि नर्तकियां बड़े पैमाने पर हिस्टीरिया की शिकार हैं। स्ट्रासबर्ग की घटना एक बड़े पैमाने पर हुई जिसमे 400 लोग मारे गए। एक विचारधारा के अनुसार ये भी कहा गया है कि यह नृत्य किसी प्रकार के धार्मिक आनंद के परिणामस्वरूप था, जो कि सेंट विटस (मिर्गी के संरक्षक संत) की पूजा करते थे। कोई भी सिद्धांत पूरी तरह से 1518 नृत्य की व्याख्या नहीं कर पाया, यह घटना आज भी रहस्यमयी है।
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