एनकाउंटर शब्द सुनते ही आपके दिमाग में क्या छवि आती है? पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ जैसा कि बॉलीवुड फिल्मों में दिखाया जाता है। खून-खराबा गोलियों की तेज़ आवाजें और इन सबके बीच आतंकवादियों और अपराधियों का खात्मा। दिमाग में एक तस्वीर उभरती है उस पुलिसवाले की जो अंडरवर्ल्ड के लोगों को चुन-चुन कर मार रहा होता है तब उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं होती। ऐसा ही एक किरदार निभाया था नाना पाटेकर ने फिल्म 'अब तक छप्पन' में। बाद में पता चला था ये पुलिस अफसर 'दया नायक' की जिंदगी से इंस्पायर्ड फिल्म थी। मुंबई पुलिस का हीरो। जिसके नाम से मुंबई के गुंडे थर थर कांपते थे। ऐसे ही और जांबाज़ पुलिस वालों के बारे में आज हम आपको बता रहे हैं, जो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर हैं।
1. प्रदीप शर्मा -
कहने वाले कहते हैं कि प्रदीप शर्मा इंडिया के सबसे खतरनाक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे हैं। और इनके नाम से ही अंडरवर्ल्ड के लोग खौफ खाते थे। इनके नाम तो वैसे 104 एनकाउंटर दर्ज हैं। लेकिन माना जाता है कि इन्होने 300 से भी ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। ये तब मशहूर हुए थे जब छोटा राजन ने इन्हें अपना टारगेट बना लिया था। एक बार एक फेक एनकाउंटर मामले में भी प्रदीप के खिलाफ केस हुआ था। लेकिन बाद में कोर्ट ने इन्हें फ्री कर दिया था।
2. दया नायक -
नाना पाटेकर की एक फिल्म आई थी। 'अब तक छप्पन'। उसमें नाना अपनी काउंटिंग बढ़ाते रहते हैं। ये वही दया नायक है। इन्हीं की लाइफ को लेकर ये फिल्म बनी थी। एकदम सेम टू सेम तो नहीं लेकिन कुछ-कुछ जो कहानी का प्लॉट था वो यहीं से निकला था। इंडिया में जितने भी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हुए हैं उनमें दया का नाम सबसे ज्यादा फेमस है। अपने करियर में 83 को जन्नत की सैर पर भेजा और करीब 300 से ज्यादा को जेल की हवा खिलाई। एक बार गोली भी लग गई थी। लेकिन फौलाद से बने बुलंद आदमी ने मौत को भी मात दे दी।
3. प्रफुल्ल भोंसले -
एकदम करंट आदमी। इन्होने 83 से भी ज्यादा एनकाउंटर किये। इनके बारे में कहा जाता है कि ये एकदम बिजली दिमाग का आदमी था। इन्वेस्टीगेशन करने में माहिर। वैसे इनका ऑफिशियल काउंट क्लियर नहीं है। मतलब ये 83 से भी ज्यादा है। छोटा शकील का एक शूटर था, आरिफ कालिया। ये इनका सबसे फेमस ऑपरेशन था।
4. शहीद विजय सालसकर -
मुंबई पर हुए 26/11 हमले में आतंकियों से लड़ते हुए विजय शहीद हो गए थे। सालसकर अपने 25 साल के करियर में 90 अपराधियों को मौत की सेज पर सुला चुके थे। लेकिन अजमल कसाब की किस्मत थोड़ी अच्छी थी और हमारी किस्मत थोड़ी खराब थी। जो आज हमारे बीच सालसकर नहीं हैं। वरना इनके नाम के डंके पूरे मुंबई शहर में बजते थे। मरणोपरांत इन्हें अशोक चक्र से नवाज़ा गया था।
5.सचिन हिन्दूराव वाजे -
आज कल शिव सेना के साथ हैं। इससे पहले 63 अपराधियों का एनकाउंटर कर चुके हैं। इन पर मुंबई के मुम्ब्रा नामक इलाके में शान्ति बनाने की जिम्मेवारी थी। मुम्ब्रा मुंबई का मुस्लिम बहुल इलाका है। शायद मार-धाड़ से मन भर गया था या सिस्टम से परेशान हुए कारण तो स्पष्ट नहीं लेकिन अब ये पुलिस की ड्यूटी से रिजाइन कर चुके हैं।
6.रविन्द्र आंग्रे -
आंग्रे वो आदमी हैं जिन्होंने पूरे बांद्रा के इलाके को अकेले ही साफ़ कर दिया था। इन्होने अपने करियर में 50 एनकाउंटर किये। मुंबई के ज़मीन माफियाओं को निपटने का श्रेय इन्ही को जाता है।
7. राजबीर सिंह -
अभी तक आपने जितनों के बारे में जाना वो सब मुंबई के कोहराम को शांत कर रहे थे। राजबीर सिंह दिल्ली में जो ज़मीन माफिया जाल पसारे बैठे थे उनको साफ़ करने में लगे थे। दिल्ली पुलिस के इकलौते ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें मात्र 13 साल में एसीपी (ACP) बना दिया गया था। लेकिन दुखद इनको इन्हीं के एक दोस्त ने आपसी विवाद में गोली मर दी थी।
No comments:
Post a Comment