सांप का नाम सुनते ही मन में एक डर पैदा हो जाता है जिसका कारण है, सांप के डंक का अति विषैला होना।सांपों के विष में इतना जहर होता है कि जिस किसी को भी वो काटते हैं उसका बचना लगभग नामुमकिन होता है। लेकिन आज के दौर में मेडिकल साइंस में इतनी तरक्की हो चुकी है कि अगर लोगों को सही समय पर सही इलाज मिले तो उनकी जान बचाई जा सकती है। वहीं अगर हम पुराने दौर की बात करें तो लोग सांपों के मंत्र का इस्तेमाल कर झाड़फूक का सहारा लेकर जान बचाने की कोशिश करते थे।इस मंत्र का प्रयोग भविष्य में किसी के भी काम आ सकता है।
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अगर हम पुराने समय की बात करें तो लोग बड़े से बड़े सांपों के जहर को महज एक छोटे मंत्र से ख़त्म कर देते थे। जो आज भी उतने ही प्रभावी हैं। तो आइए आज हम आपको एक ऐसा मंत्र बताते हैं जिसके जाप से विषैले सांपों का जहर भी कुछ मिनटों में उतारा जा सकता है। इस मंत्र का वर्णन विष्णु पुराण में किया गया है।
नर्मदा नदी प्राचीन भारत की प्रमुख नदियों में से एक है। इस नदी का वर्णन अनेक ग्रंथों में पाया जाता है। कुछ ग्रंथों में नर्मदा नदी को भगवान शिव की पुत्री बताया गया है। मान्यता है कि नर्मदा में स्नान करने मात्र से कालसर्प दोष, पित्रदोष जैसी तमाम परेशानियां ख़त्म हो जाती हैं।
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विष्णु पुराण के अनुसार नर्मदा नदी का जल ग्रहण करने से ही व्यक्ति के आस पास भी सांप नज़र नहीं आते हैं।नर्मदा को नमस्कार कर नामोच्चारण करने से सर्प दंस का भय नहीं रहता है। नर्मदा के इस मंत्र का जप करने से विषधर सांपों का जहर भी फ़ौरन उतर जाता है।
नर्मदाए नमः प्रातः, नर्मदाए नमो निशि।
नमोस्तु नर्मदे तुम्यम, त्राहि विष सर्पतह।
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नमोस्तु नर्मदे तुम्यम, त्राहि विष सर्पतह।
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