बोतल बंद मिनरल वाटर का कारोबार आज देश विदेश तक फ़ैल गया है। शुद्ध जल के नाम पर रोज पिए जाने वाले पानी को बोतलों में भर कर बेचा जा रहा है। इसके अलावा बोतल बंद पानी के इस्तेमाल के बाद बड़ी संख्या में बोतलों से उत्पन्न कचरा पर्यावरण के लिए गंभीर समस्या हैं।साफ जल के नाम पर बेचने वाले बोतल बंद पानी के बोतलों को बनाने के दौरान एक खास रसायन पैथलेट्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल बोतलों को मुलायम बनाने के लिए किया जाता है। इस रसायन का प्रयोग सौंदर्य प्रसाधन आदि के निर्माण में किया जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है। बोतल बंद पानी के जरिए यह रसायन लोगों के शरीर के अंदर पहुंच रहा है। और लगातार स्लो पॉइजन की तरह काम कर रहा है।
अमेरिका की एक संस्था 'नेचुरल रिसोर्सेज ऑफ़ डिफेंस काउंसिल' (NRDC) ने अपने अध्ययन के आधार पर यह नतीजा निकाला है कि बोतल बंद पानी और साधारण पानी में कोई खास फर्क नहीं है।
एक साफ़ सफेद सूती कपड़ा लीजिये और पानी को इस कपड़े से छानिये। इससे पानी में मौजूद मोटे कण और गंदी चीजें अलग हो जाएगी। अब इस पानी को उबाल लें और ठंडा कर लें अब ये पानी पीने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। लेकिन आप चाहे तो तुलसी के कुछ पत्ते पानी में डाल कर रखें इस से रोग प्रतिरोधकता बढ़ती है। जहाँ भी तुलसी का पौधा होता है उसके आसपास का 600 फुट का क्षेत्र उससे प्रभावित होता है जिससे मलेरिया जैसे कीट नष्ट हो जाते हैं। साफ़ पानी को ताम्बे के बर्तन में भर कर रखें, या इस पानी को पारदर्शी बर्तन में भरकर धूप में रखें सूरज की ultravoilet किरणें पानी की गुणवत्ता बढ़ा देती हैं।
पानी में कोयला की पोटली बांध कर रखें। कोयले का कार्बन पानी की सारी गंदगी खींच लेगा। पता है आप को कि जो वाटर प्योरिफायर सिस्टम आपके घर में लगा है उस मे भी यही कोयला तकनीक इस्तेमाल की जाती है। ये साधारण तकनीकें अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप स्वस्थ जीवन पा सकते
अमेरिका की एक संस्था 'नेचुरल रिसोर्सेज ऑफ़ डिफेंस काउंसिल' (NRDC) ने अपने अध्ययन के आधार पर यह नतीजा निकाला है कि बोतल बंद पानी और साधारण पानी में कोई खास फर्क नहीं है।
एक साफ़ सफेद सूती कपड़ा लीजिये और पानी को इस कपड़े से छानिये। इससे पानी में मौजूद मोटे कण और गंदी चीजें अलग हो जाएगी। अब इस पानी को उबाल लें और ठंडा कर लें अब ये पानी पीने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। लेकिन आप चाहे तो तुलसी के कुछ पत्ते पानी में डाल कर रखें इस से रोग प्रतिरोधकता बढ़ती है। जहाँ भी तुलसी का पौधा होता है उसके आसपास का 600 फुट का क्षेत्र उससे प्रभावित होता है जिससे मलेरिया जैसे कीट नष्ट हो जाते हैं। साफ़ पानी को ताम्बे के बर्तन में भर कर रखें, या इस पानी को पारदर्शी बर्तन में भरकर धूप में रखें सूरज की ultravoilet किरणें पानी की गुणवत्ता बढ़ा देती हैं।
पानी में कोयला की पोटली बांध कर रखें। कोयले का कार्बन पानी की सारी गंदगी खींच लेगा। पता है आप को कि जो वाटर प्योरिफायर सिस्टम आपके घर में लगा है उस मे भी यही कोयला तकनीक इस्तेमाल की जाती है। ये साधारण तकनीकें अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप स्वस्थ जीवन पा सकते
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