बुखार हो, थकान हो या बदलते मौसम की वजह से शरीर में हलकी हरारत हो हमारे हिसाब से सबसे विश्वसनीय दवाई होती है पैरासिटामोल। जब कभी भी तबियत सही ना लगे तो यही एक दवा है जिसका नाम याद आता है, पैरासिटामोल। हम हमेशा से पैरासीटामोल को अपना बेस्ट फ्रेंड मान कर बिना डॉक्टर से सलाह लिए ले लेते हैं। यहाँ तक कि बच्चों को हल्का सा बुखार होने पर आप उन्हें ये दवाई पूरे विश्वास के साथ दे देते है। लेकिन यह आदत केवल बुखार से छुटकारा नहीं बल्कि कई और बीमारियों को न्यौता दे सकती है।
साइंटिफिक रिसर्च के मुताबिक साधारण दर्द या हर तरह के बुखार में इस गोली को लेने से कई खतरनाक बीमारियां हो सकती है। जो लोग सालों से इस गोली को पानी के साथ गटक रहें है उन्हें किडनी से लेकर लीवर तक की समस्याएं हो सकती है। इसलिए इस दवाई का सेवन करने से पहले बुखार की जांच और डॉक्टरी सलाह बहुत जरूरी है।
बच्चों को पैरासिटामोल
एक शोध द्धारा ये पता लगाया गया है कि 6-7 साल की उम्र में बच्चों को पैरासीटामोल देने से उन्हें श्वांस, अस्थमा की बीमारी हो सकती है। बच्चों को कैसा भी बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह से ही बच्चों को यह दवा देनी चाहिए।
इसके अलावा गर्भावस्था में इस दवाई को बिना प्रिस्क्रिप्शन के खाने से मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। सुरक्षित समझी जाने वाली यह दवाई बच्चे के पूर्ण विकास में रुकावट पैदा कर सकती है। लंबे समय तक इसका सेवन किडनी को खतरा पहुंचाता है।
पैरासीटामोल का अधिक सेवन
पैरासीटामोल के अधिक सेवन से पेट में गैस, इंफेंक्शन, भारीपन और अपच की समस्याए हो सकती है। इसके अलावा इस गोली को लेने से त्वचा सम्बन्धी बीमारियां जैसे चकत्ते, खुजली, जलन और एलर्जी जैसा प्रॉब्लम भी होते है।
जॉन्डिस या लीवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को इस का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा लीवर डैमेज हो सकता है। इसलिए इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
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