FIR का पूरा मतलब है First Information Report जिसे हिंदी में हम प्रथम सूचना रिपोर्ट के नाम से जानते है। किसी अपराध की सूचना सम्बंधित पुलिस विभाग को देने के लिए सबसे पहला कदम यही होता है कि, हमे उसके लिए प्राथमिकी दर्ज करवानी होती है। जिस से कि गुनहगार को सजा दिलवाने का step शुरू किया जा सके। और अगर मामला चोरी से या डकैती से जुड़ा है उस समय में ये जरुरी हो जाता है की आप उसके लिए कायदे से FIR दर्ज करवाएं, ताकि उस प्रॉपर्टी से जुड़ी बीमा राशी आप प्राप्त कर सकें। यदि ऐसा होता है कि आपकी प्रॉपर्टी या सामान का किसी अपराध में प्रयोग किया जाता है तो ऐसी स्थिति में पुलिस को FIR के माध्यम से अवगत करवाकर आप अपनी जिम्मेदारी निभा सकते है। जैसे कि अगर आपका मोबाइल खो जाता है तो ये जरुरी है कि आप अपनी सुरक्षा के लिए FIR करें क्योंकि ऐसे में आपके मोबाइल के मिसयूज होने की दशा में होने वाली परेशानियाँ कम हो जाती है।
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FIR कोई भी वो व्यक्ति दर्ज करवा सकता है जो या तो किसी अपराध का शिकार हुआ हो या फिर उसने अपराध को होते हुए अपनी आँखों से देखा हो या फिर वो कोई भी व्यक्ति जिसे उस अपराध के बारे में जानकारी हो।
सन 1861 में अंग्रेजी हुकूमत ने इंडियन पुलिस एक्ट पारित कर देश में पुलिस सेवा शुरू की थी। इसी साल दिल्ली पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस ने यह एफआईआर 18 अक्टूबर 1861 को दर्ज की थी, लेकिन जिस जुर्म के लिए यह कार्रवाई की गई थी, उसे जानकर आपको अब हंसी भी आ सकती है। ट्वीटर पर शेयर की गई दिल्ली पुलिस की यह एफआईआर उर्दू में लिखी गई थी। इसमें एक हुक्का, कुल्फी का डिब्बा, बर्तन और महिलाओं के कपड़े चोरी होने का जिक्र है। एफआईआर कटरा शीश महल निवासी मईउद्दीन वल्द मोहम्मद ने दर्ज कराई थी। मजेदार बात यह है कि इस एफआईआर में चोरी किए गए सामान से हुए नुकसान की रकम महज 45 आने बताई गई है।
इस एफआईआर की एक कॉपी दिल्ली पुलिस के म्यूजियम और सब्जी मंडी पुलिस स्टेशन में लगाई गई है। अगर आपको यह जानकारी मजेदार लगी तो शेयर करना न भूलें।
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