अगर आपके अंदर टैलेंट है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता, नौकरी और मौके अपने आप रास्ता देते हैं और सफलता का सफरनामा मेहनत की कलम से लिखता चला जाता है। ऐसी ही कुछ कहानी मुनाफ की है, अगर आपको बताएं कि एक साहब गूगल की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर समोसे तलने का काम कर रहे हैं तो इसे आप क्या कहेंगे? अगर आप इसमे कोई दार्शनिक एंगल ढूंढ रहे हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुनाफ ने ये फैसला किसी दबाव में नहीं बल्कि अपनी इच्छा से लिया है।
मुनाफ कापड़िया ने गूगल की नौकरी छोड़कर समोसे बेचने का फैसला किया और अब उनकी सालाना कमाई, उन बहुत सारे लोगों से बहुत ज्यादा है जो बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर इतना नहीं कमा पाते हैं। समोसा चटनी बेचने के मुनाफ ने कदम ने लोगों की सोच को बदलने का काम किया है। दरअसल मुनाफ के समोसे किसी ठेले या साइकिल पर टोकरी पर रखकर नहीं बेचे जाते हैं। इनके समोसे फाइव स्टार होटलों में बड़े सलीके से पेश किए जाते हैं। इनके हाथ के समोसे खाकर उंगलियां चाटने वालों में बॉलीवुड के कई दिग्गजों के नाम भी शामिल है।
द बोहरी किचन
मुनाफ, द बोहरी किचन के नाम से एक रेस्त्रा चलाते हैं। एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुनाफ ने विदेश में नौकरी शुरू की, यहीं उनको रेस्त्रा का आइडिया आया। वो बताते हैं कि अपनी मां के हुनर को देखते हुए उन्होंने ये फैसला लिया। मुनाफ का मटन समोसा वर्ल्ड फेमस हो चुका है, सिर्फ मटन समोसा ही नहीं बल्कि उनके किचन के कबाब और नरगिस कोफ्ते भी काफी पसंद किए जाते हैं। दो साल पहले शुरु किए इस इनोवेटिव आइडिया की वजह से मुनाफ साल का पचास लाख से ज्यादा कमाते हैं। मुनाफ सिर्फ पैसा ही नहीं कमा रहे बल्कि नाम भी कमा रहे हैं। अब उनकी तरक्की देखकर वो लोग अपनी डिग्रियां फाड़ रहे हैं जो सिर्फ डिग्रियों के भरोसे मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे थे।
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